Monday, March 5, 2012

कुरान में स्त्री पुरुष व्यभिचार दंड असमानता

मुस्लिम भाइयो/बहेनो,
सिर्फ कुरान का प्रमाण दे रहा हू | किस प्रकार अल्लाह भेद करता हैं औरतो और आदमियों में |
http://www.quranhindi.com/p109.htm
पढ़ा  आपने पन्द्रवी औरसोलहवी आयात क्या कहे रही हैं | प्रथम तो खुदा की मूर्खता देखिये चार आदमी होते तो व्यभिचार क्यों होता ? कौन चार लोगो के सामने ऐसा कार्य करेगा और मान लीजिए थे तो उन्होंने क्यों नहीं रोका व्यभिचार | इस्लामिक देशो में मुस्लिम बेहेने बलात्कार का इल्जाम लगाने पर उल्टा जेल पहुच जाती हैं |
और उन्हें घर में बंद रखो सजा ए चार दीवारी | जिन्दा चुनवा देने की सजा हैं ये जिसे अकबर ने अनारकलि पर अजमाया था | कोई सुरंग नहीं थी ये सब अकबर को महान दिखाने का ढोंग हैं |
वही अपराध पुरुष करे तो उन्हें छोड दो गवाह का भी कोई सवाल नहीं | औरतो को तौबा का कोई मौका नहीं और पुरुषों को तौबा करने पर ही छुट | क्या आडम्बरी अल्लाह हैं जो इतना बड़ा अन्याय करता हैं और मूर्खता पूर्ण आदेश देता हैं |
अब तो समझिए ये अल्लाह का आदेश नहीं |
वैदिक  अल्लाह हू अकबर
वेदों में वर्णित ईश्वर महान हैं

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