Thursday, April 10, 2014

अबकी बार, भव्य श्री राम मंदिर निर्माण

   नरेन्द्र मोदी की हर तरफ धूम है | हर कोई उन्हें प्रधानमंत्री बनते देखना चाहता है | पर इसका मूल केवल उनका हिन्दुत्ववादी चेहरा है | यदि गुजरात दंगे ना हुए होते और नरेंद्र मोदी का कद रुख ना देखने को मिलता या वो टोपी पेहें लेते या माफ़ी मांग लेते तों ये जो दिन रात अंतरजाल पर प्रचार कर रहे है वो संभवतः प्रचार ना करते | अटल बिहारी की सरकार के बाद हिंदुत्व के एक भी मुद्दे को पूरा ना करने का प्रयास भी ना करने के कारण विश्व हिंदू परिषद से लेकर हर कोई क्रोधित था | दूसरा कारण सेवाक्षेत्रो का निजीकरण था, निजीकरण का आप विपक्ष मे रहते तों विरोध करते थे पर सत्ता मे आने पर इन्होने भी कांग्रेस का ही काम आगे बढ़ाया | निश्चित तौर पर कांग्रेस से कही उत्तम सरकार चली पर धोखेबाजी भावनाओं से खेलना लोगो को बर्दास्त नहीं था | यदि अटल बिहारी वाजपेयी स्वस्थ होते और २००४ के बाद चूनाव प्रचार करते तों कोई आश्चर्य नहीं के किसी हिंदूवादी के गुस्से का शिकार हों जाते जैसे आये दिन केजरीवाल होते रहते है | बात अभी भी वही है, नरेंद्र मोदी की सरकार चाहे बहुतमत से आये या अल्पमत से इस बार उन्हें सदन मे प्रस्ताव लाने होंगे वरना आर्य तों अपना काम करवाने के अन्य माध्यम निकाल ही लेंगे इस बार की धोखेबाजी क्षमा नहीं होगी |
श्री राम मंदिर के नाम पर कितने लोगो ने बलिदान दिया | क्षमा तों मुलायम सिंह को भी नहीं किया जायेगा पर हमारी पहली प्राथमिकता श्री राम मंदिर का निर्माण होगा | इसका कारण क्या है के भाजपा का चूनाव का समय आया और श्री राम मंदिर पर बात होने लगी | मै भाजपा से जुड़ा नहीं उल्टा, जन संघ के सह संथापक बलराज मधोक के साथ जो अटल बिहारी ने किया या १९६७ मे दीनदयाल उपाध्याय की हत्या के विषय मे भी प्रश्न हमारे यथावत है | सिर्फ इसलिए लिख रहा हू क्यों के भाजपा जानती है के उसके हिंदू मत ही उसे जीत दिलाएंगे और इसलिए उसने श्री राम मंदिर का मुद्दा रखा | राजनाथ सिंह माफ़ी मांगते फिर रहे थे थोड़े समय पहले तक तों आजम खा ने सही जवाब दिया यदि दुःख है तों बाबरी मस्जिद बनवा दे माफ़ी ना मांगे | राजनाथ सिंह को तों हिन्दुवादी जवाब दे देंगे | पर भाजपा मे इस बार भय है के नहीं के यदि उसने कोई प्रयास नहीं किया अपने मुद्दों को पूरा करने का तों ? कुछ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करते है |
१.       अयोध्या मे श्री राम मंदिर का निर्माण (भाजपा के २०१४ के घोषणा पत्र के हिंदी संस्करण के पृष्ठ ६३ पर)
२.       धारा ३७० को हटाना (भाजपा के २०१४ के घोषणा पत्र के हिंदी संस्करण के पृष्ठ १५ पर)
३.       सामान नागरिक सहिंता (भाजपा के २०१४ के घोषणा पत्र के हिंदी संस्करण के पृष्ठ ६३ पर)
४.       गौ रक्षा विधेयक (भाजपा के २०१४ के घोषणा पत्र के हिंदी संस्करण के पृष्ठ ६३ पर)
क्या कोई बाबरी मस्जिद थी ?
हम प्रमुखता से श्री राम मंदिर पर चर्चा करते है | जब मुस्लमान आक्रमण कारियों की गुंडागर्दी अपने चर्म पर थी अयोध्या का श्री राम मंदिर उन्होंने कब्ज़ा लिया | कोई इतना मुर्ख नहीं के पहले मंदिर तोड़े फिर उसके मलवे से मस्जिद बनाये | इतनी बुद्धि मुसलमान और मीर बाकी भी रखता है के मंदिर को हरा पुतवा दो और बन गई मस्जिद | क्यों के मस्जिदों मे गर्भ गृह नहीं होते | मस्जिदों मे तों गुम्बज भी नहीं होते क्या काबा मे गुम्बज या गुम्बद जो कहे है ? ये गुम्बदे उन्ही मस्जिदों मे मिलेगी जो कभी मन्दिर थे | प्रमाण के लिए अभी की बनी मस्जिदे देखे सब मे मीनारे है गुम्बद कही नहीं होती | गुम्बद हम आर्यो की ध्यान पद्धति का ध्यान कराती है | बहुत समय तक संघ वाले ये कहते रहे के वो मस्जिद थी मंदिर तोड़ के बनी ये कहना बंद करे | वो मंदिर था और उसपर सिर्फ कब्ज़ा किया था अधिक से अधिक अरबी मे लिखा पत्थर जडवा दिया जाता है और यही होता है उनका निर्माण |
दूसरा बाबरनामा का प्रमाण मिलता है के बाबरी एक लड़का था जिसपर बाबर मोहित था, सब जानते है बाबर समलैगिक था | अतः उस भवन का नाम बाबरी मस्जिद कर दिया | मुस्लमान दे ऐसी जगह का नाम समलैगिको के नाम बाबरी मस्जिद पर मंदिर का नही दे सकते | तों वो श्री राम मंदिर था और उसका पर पुनर्निमाण होना है |
मुसलमानों को क्या समस्या है ?
मुसलमानों को परवाह नहीं कौन सी इमारत तोड़ी जाती है | बात सिर्फ ये है के श्री राम के नाम पर आर्यो का जो शौर्य जाग उठा उसको देख कर ये घबराए है | यदि ये शौरी बना रहा तों पुरे देश मे लगभग ९८ प्रतिशत इतिहासिक मस्जिदों पर आर्य पुनः अपना अधिकार प्राप्त कर लेंगे | पर वे इतना नहीं सोच पा रहे के अयोध्या मे श्री राम मंदिर ना बनने देने से या मस्जिद का पेच फसा कर पुरे देश मे अपने लिए घृणा फैला रहे है | आर्यो के शौर्य की कल्पना भी नहीं कर सकते | क्यों के इतिहासकार वो दिखाते नहीं | अयोध्या मे ही थे देवी दीन पाण्डेय कहते है एक दिन मे ७५० मुस्लमान काट दिए थे अकेले ही | यानी ताना जी से कही ज्यादा लोग़ अकेले खत्म किये | हाल मे उनके गाव मे उनकी तलवार मिली उसे छपर मे वैसे ही वापस रख दिया गया | तों आर्य जन्म से शौर्यवान है बेकार की बातों के लिए वैर ना ले | श्री राम मंदिर के निर्माण मे स्वयं ईट लगाये आकर | यदि वे ऐसा करते है तों हम उनके लिए अयोध्या से बाहर भव्य मस्जिद बनवा देंगे पर हमें पता है ९ मन तेल नहीं होगा | मुसलमान साधारण सी बात साधारणतः समझते ही नही |
क्यों आवश्यक है श्री राम मंदिर
इसका सबसे प्रमुख कारण है १९९० मे बलिदान हुए कारसेवक | घर से निकाल कर किशोर लडको को पुलिस ने गोली मार दी | जिस लड़के ने श्री राम मंदिर के निर्वासित ढाचे पर भगवा झंडा फिराया था उसे भी मार दिया गया | ये सत्ता की ताकत पुलिस वो भी थी जो सुबह से शाम तक ढाचा गिरता रहा और देखती रही | श्री राम का नाम हमारे जीवन से पहले और मृत्यु के बाद तक जुड़ा है जुड़ा रहेगा | तों उनके नाम पर शुरू किया गया काम पूरा करना होगा | कोई मतलब नहीं उन बलिदानों का अगर आप विकास का नाम लेकर मूल आस्था को छोड़ देते है | अटल-आडवानी ने सत्ता का सुख लिया जाने कितने भाजपा वालो ने लिया और फिर भूल गए | आडवानी को जनता ने २ बार तमाचा दिया २००४ मे २००९ मे जिस व्यक्ति मे वैचारिक स्थायित्व नहीं उस दोमुहे का कोई अस्तित्व नहीं |
दूसरा और सबसे प्रमुख कारण है के श्री राम एक ऐसा नाम है जो लाखो सालो से हमारे पूर्वज लेते आरहे है | ऐसा त्यागी तपस्वी चक्रवर्ती राजा जिसने सूर्यवंश के चक्रवर्तित्व को राज व्यव्यस्था को नए आयाम पर पहुचाया | राजनीति जैसे पवित्र शब्द को अपने शौरी और नीतियों से और अधिक पवित्र कर दिया | श्री राम ने अकेले १४००० की सेना जो खर नाम के राक्षस के नेतृत्व मे थी खत्म कर दिया ये ऐसा हुआ के कोई धनुष लेकर जाए और नक्सली इलाको से पूरा नक्सली साफ़ कर दे | तों श्री राम को मानने वाले शौर्य की परंपरा का पालन तों करेंगे ही | विवाह के बाद लगभग २५ वर्ष का ब्रह्मचर्य ५१ वर्ष से ८१ वर्ष तक सत्ता सम्हालना और फिर सन्यास को वेद जिस मार्ग की बात कर्ता उसपर श्री राम चले सो उनके पीछे-२ जनता चली | वे आज भी हमारे राजा है आगे भी रहेंगे | श्री राम के मार्ग पर चलकर जिस शौर्य का पालन करते है उस से हम पुनः चक्रवर्ती राज्य की स्थापना कर सकते है | इसलिए इस बार भव्य श्री राम मंदिर निर्माण |
विदेशी नहीं चाहते हम श्री राम का नाम ले
अंग्रेजो ने पहले भी प्रयास किये | रामायण मे प्रक्छेप कराये गए | श्री राम पर ही सीता माता के त्याग का आरोप लगवा दिया, उन्हें माँसाहारी बता दिया | अरे इतने युद्ध का अर्थ ही क्या जब त्याग ही करना था | पर आर्यो ने एंग्लो लोगो की धूर्तता का पर्दाफाश किया | उत्तर कांड के प्रक्छेप सिद्ध किये |
हाल के वर्षों मे साईं बाबा नाम का एक ढोंगी खड़ा कर दिया गया | फिल्म बनी फिर धारावाहिक बना | उसके मंदिर बनने लग गए | विदेशियो ने भारतीयों के मन मस्तिष्क पर अच्छी शोध कर रखी है | एक माँसाहारी अल्लाह मालिक कहने वाला हाथ किस सफाई को धर्म से चमत्कार से जोड़ने वाले को उठाने का अर्थ था के आप जो श्री राम नाम का जाप कर रहे है उस से दुर रहे | ऐसे नारे दिए गए ओम् साईं राम यानी श्री राम और परमात्मा के श्रेष्ठ नाम ओम् के बीच मे एक माँसाहारी ढोंगी का नाम डाल कर पुजवाया जाने लगा | राम यर्थार्थ पवित्र आचरण सादा जीवन मर्यादाओ का पालन करने वाले उदाहरण थे | जब श्री राम का इतना नाम लेंगे तों कभी ना कभी पढेंगे ही उनके बारे मे | तब बस यही कहेंगे वाह श्री राम प्रभु ऐसा राजा हमे पुनः-२ देवो | पर यदि आप चमत्कार मे विश्वास करेंगे तों आप पुरुषार्थ से दुर् हों जायेंगे | इसलिए साईं बाबा एक प्रत्यक्ष उदाहरण है | प्रमाण देखना है तों आसपास देखे श्री राम जानकी मंदिर कितने है और उनमे कितने लोग़ जा रहे जब के साईं बाबा के मंदिरों मे कितने लोग़ जा रहे |
आर्यो के लिए इतना ही पार्याप्त है के उनके राजा प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या मे बने | फिर तों आर्यावर्त मे राम राज्य और विश्व का वैदिकीकरण का कार्य प्रारंभ हों जाएगा | इसलिए जो ताकत प्रेम और समर्थन नरेंद्र मोदी जी को जनता दे रही वो श्री राम से जुडी आस्था के कारण |
भाजपा ने संविधान मे रह कर बात कही है | श्री राम मंदिर आस्था का विषय है और ये अदालत से बाहर है ये बात भाजपा वाले काफी समय से कह रहे | हम कहते है आस्था का विषय है पर इतने बड़े विषय पर कोर्ट साक्ष्यों पर राय देने का साहस करेगा ? जो सुप्रीम कोर्ट की बेंच आपातकाल पर अपनी राय न दे पाई, ताज महल पर बी बी सी कह सकता मंदिर है पर सुप्रेमे कोर्ट ने याचिका रद्द कर दी जिसकी भाषा अंग्रेजो है वो करेगी | हमें मंदिर निर्माण से मतलब है जहा कोई मस्जिद ना हों आसपास ५ किलोमीटर के क्षेत्र मे | हम आपको समर्थन दे रहे है आप हमे मंदिर दीजिए |
धारा ३७० हटने पर पाकिस्तान युद्ध की मूर्खता कर सकता है |
गौ रक्षा पर केन्द्र मे विधेयक आना चहिए ये चौथा प्रयास होगा और अटल बिहारी के किये कार्यों का पश्चाताप होगा |
समान नागरिक सहिता बन कर मुस्लिम बहने शरियत से बाहर आयेगी और देश मे पंथ निरपेक्षता का अच्छा उदाहरण तय होगा |
भाजपा यदि कर सके तों अल्पसंख्यक कितने प्रतिशत तक माना जाएगा ये तय करे और २००६ मे बनाया अल्पसंख्यक मंत्रालय खत्म कर के अंग्रेजो की अल्पसंख्यक बहुसंख्यक निति से देश को बाहर करे | खरी भाजपा ने खुद ही इतने वादे कर रखे है हमारे सुझाव तों बहुत दुर् का है | आशा है इस बार भाजपा ने ऐसा वादा नहीं किया जिसे वो पूरा ना कर सके | यदि किसी मुद्दे पर प्रस्ताव लाते उनकी मिलीजुली सरकार गिर जाती है तों अगली बार जनता उनके साहस के लिए पूर्णबहुमत देगी | श्री राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ होगा भारत को ना केवल इस्लामीकरण के चंगुल से बाहर करने का अपितु आर्यो की साम्राज्यवादी निति के विस्तार का पुनः प्रारंभ होगा | अयोध्या मे श्री राम मंदिर हमारी इतिहासिक धरोहर, शौर्य, समृधि, सम्पन्नता, उच्च चारित्रिक आदर्श, त्याग तपस्या, वैदिक जीवन पद्धति का प्रतिक होगा अतः
अबकी बार, भव्य श्री राम मंदिर निर्माण


ध्यान दे : महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश मे श्री राम और श्री कृष्ण ही हर जगह प्रयोग किया है | अतः (श्री) राम मंदिर भी बोल रहे है तों श्री राम मंदिर बोले | जय श्री राम

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