Monday, December 26, 2011

आर्यावीरो ने जब वैदिक साम्राज्य बनाया था......


आर्यावीरो ने जब वैदिक साम्राज्य बनाया था
अनार्यों के हृदय में खौफ समाया था |
आर्यो के शौर्य से ही विश्व सुरक्षित हो पाया था
सुख समृद्धि शान्ति में जन-२ आनंदित हो पाया था |
रावण जैसे असुर ने जब सर उठाया था
राम नाम के आर्यवीर ने उसका शीश गिराया था |
कंश नाम के दुष्ट ने जब अनार्यत्व दिखाया था
कृष्ण नाम के आर्य योगी ने उसका अहंकार गिराया था |
अल्क्षेमेंद्र भी आर्यवर्त आ के घबराया था
दक्षिण से भाग के अपने प्राण बचाया था |
अकबर नाम के धूर्त ने जब आर्यो से आँख मिलाया था
प्रताप नाम के आर्यवीर ने मुगलो की सेना को दहलाया था |
औरंगजेब नाम के राक्षस ने जब अत्याचार बढ़ाया था
आर्यवीर शिवा ने उसको पाताल दिखाया था |
जब अज्ञानता का बादल आर्यावर्त पर छाया था
तब वेदों के अज्ञान को दूर करने महर्षि दयानंद आया था |
जब पश्चिम से गोरो का दल आर्यावर्त आया था
राम प्रसाद बिस्मिल नाम के अर्यावीर ने उनको उनका स्थान बताया था |
अब आर्यवीर बनने की हमारी बारी हैं
राष्ट्र को आर्य बनाने की हमारी जिम्मेदारी हैं |
अब भगवे झंडे को विश्व राष्ट्र में लहराने की तैयारी हैं
अब पुनः वैदिक साम्राज्य खड़ा करने की हमारी बारी हैं |

Thursday, December 22, 2011

भारत के इस्लामिकरण पर क्या होगा ?

किसी भी देश का इस्लामीकरण कैसे होता हैं? वाले लेख में आपसे वादा किया था के इस्लामिक राष्ट्र में क्या होता हैं इस पर लिखूंगा सो लिख रहा हू |
ये तय हैं के भारत की संसद पर एक बार फिर हरा झंडा फैरायेगा और हम वैदिक/हिंदू राष्टवादी सिर्फ आर्य/वैदिक/हिंदू राष्ट्र चिल्लाते रह जाएँगे | प्रमुख कारण दो हैं प्रथम मुस्लिम आबादी की अकल्पित वृधि जो ना केवल अधिक बच्चे पैदा करने से हो रही हैं बल्कि हिंदू लड़किया को प्यार के जाल में फसा के भी हो रही हैं, लव जिहाद नाम के हथियार से | दूसरा कारण हैं  की हिंदू राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक तरीके को छोड़ने की सोच नहीं सकते और लोकतंत्र से मुस्लिम सत्ता में मुस्लिम और सेक्युलर जनता द्वारा लाए जायेंगे | अब हमारा जातिगत मतों में बटे होना या पंथिय आधार पर या हमारा वोट ही ना देना या हमारे मन में बैठाई गई सर्व धर्म समभाव की भावना कोई भी कारण हो सकता हैं इस्लामिक भारत के निर्माण में | कांग्रेस के बचे हुए नेता अपने विदेशो में बनाये घरों में निकल लेंगे, ज्यादातर सेक्युलर वर्ग बन्दुक की नोक पर इस्लाम में परिवर्तित करा जाएगा | हा कुछ हम आप जैसे हिंदू वादी होंगे जो आखिरी दम तक लड़ेंगे, हो सकता हैं वे इसराइल जैसा छोटा भारत तैयार भी कर ले पर वो भी कितने दिन बचा पाएंगे जब इतना बड़ा भारत ना पाए तो छोटा भारत तो सिर्फ समय काटना होगा | अब हम कल्पना करते हैं २०६० की जब हिंदू मुस्लिम आबादी समान हो जाएगी अभी जब २० फ़ीसदी से थोड़े ज्यादा हैं तब तो मुस्लिम सम्हलते नहीं हैं तब तो हमारा वजूद ही ना होगा | बल्कि ३०-४० फ़ीसदी मुस्लिम ही काफी हैं भारत में इस्लामिक हुकूमत के लिए पर मैं सरकारी किताब  (देखे पुस्तक का प्रष्ठ २० का ग्राफ) के आकडे को ले कर चल रहा हू याने के २०६० | आप ना होंगे तो आपके बच्चे होंगे या उनके बच्चे अगर पुनर्जन्म में विश्वास रखते हैं तो आप भी बच्चे होंगे और तब ये सब हो रहा होगा |
१.       सारे हिंदू उद्योगपतियों की संपत्तिया जब्त कर ली जायेंगी | मलेशिया लेबनान में ऐसा ही हुआ, हिंदू (मुशिरिक यानि मूर्तिपूजक) की संपत्ति पर मोमिन यानि ईमान लेन वाले मुस्लमान का अधिकार हैं ये अल्लाह का फरमान हैं |
२.       आपकी (सेक्युलर वर्ग की) लड़किया, बहने, माताये कभी ना कभी मुसलमानों के बिस्तर गर्म करने को मजबूर होंगी क्यों की आप कब तक बच पाएंगे | और गाँधी वादी तो तब भी होगे जो गाँधी जी के शब्द दोहराएंगे जो उन्होंने कहे थे एक मा से उसकी लड़की का मुसलमानों द्वारा बलात्कार करने पर “तो क्या हुआ, वो तुम्हारी लड़की को कुछ दे कर तो गए ले तो नहीं गए |”
३.       सेक्युलर वर्ग तो हो सकता हैं मुफ्त कंडोम बाटे मुसलमानों को | ताकि उनकी बीवियो बेटियों बहनों को मुसलमानों द्वारा कम दिक्कत हो और उनके मुस्लिम भाइयो का सम्मान भी रह जाए |
४.       कोई भी हिंदू किसी भी सरकारी व्यवस्था में बड़े ओहदे पर नहीं रह पायेगा | वही मुग़ल काल का नियम लगेगा |
५.       हिंदू अपने धर्म पर जिज्या दे रहे होंगे | याने हिंदू बने रहने के ली कर भर रहे होंगे | कुरान ९:२९ में साफ़ आदेश हैं पर हमें तब भी ऐसा वर्ग मिलेगा जो सिर्फ कुछ मुसलमानों को इसके ली दोषी ठहराएगा |
६.       हिन्दुओ के १ से अधिक बच्चे पैदा करने पर रोक भी लग सकती हैं | क्यों की आबादी सबसे बड़ा हथियार हैं |
७.       हिन्दुओ को ज़मीन खरीदने की इज्जाजत नहीं होगी, कश्मीर में धारा ३७० की वजह से हम आज भी बस नहीं सकते |
८.       हिन्दुओ के सार्वजानिक सभी धर्म स्थल तोड़ दिए जायेंगे | उनको सार्वजनिक स्थान पर पूजा करने पर कड़े से कड़ा दंड भी हो सकता हैं | आपने वो डॉक्टर ज़ाकिर नायक का विडियो तो देखा ही होगा |
९.       हिन्दुवादी सभी संगठनो को खत्म कर दिया जाएगा | हिंदू संगठित ना हो सके ऐसा हर संभव प्रयास किया जाएगा | केरल और कश्मीर प्रत्यक्ष उदहारण हैं |
१०.   देश से लोकतंत्र एक दो बार के चुनाव में ही खत्म हो जाएगा | या चुनाव प्रणाली हो पर काफिरो यानी हम हिन्दुओ का मताधिकार ही खत्म कर दिया जाए |
११.   किसी हिंदू के ली कोई मनवाधिकार नहीं रह जाएगा | हिंदू लड़की के साथ बलात्कार , हिंदू के घर चोरी डकैती या हत्या का कोई मुकदमा नहीं दर्ज होगा |
१२.   सेना पुलिस प्रशासनिक सेवाए हर महत्वपूर्ण ओहदों से हिन्दुओ को हटा दिया जाएगा | हां वैज्ञानिक पदों से नहीं हटा पाएंगे क्यों की मुस्लिम वैज्ञानिक तो पैदा कर नहीं पाएंगे |
१३.   देश में सिर्फ हिन्दुओ पर ही अत्याचार नहीं हो रहे होंगे सिख इसाई (पूर्वोत्तर भारत के छोड के) कमुनिस्ट जैन बौद्ध दालित सभी का खात्मा हो रहा होगा | यहाँ तक की इस्लामिक शाखाओ शियाओ बरेलवियो, अहमदिया इस्माइलो का भी खात्मा हो रहा होगा |
१४.   देश में कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी होगी और अभी का जंगल राज हमें तब स्वर्ग सा लगेगा | देश तबाह हो चुका होगा और जल्द ही किसी इस्लामिक अफ़्रीकी देश के स्तर पर पहुच जाएगा |
१५.   भारत, हिंदू, पंथ-निरपेक्षता सिर्फ सपनो के शब्द रह जायेंगे | देश का अस्तित्व उसकी सांस्कृतिक पहचान खत्म हो चुकी होगी क्यों की हिंदुत्व यानी वैदिक धर्म से ही हैं |

ऐसे वक्त में फिर कोई शिवा पैदा होगा, सांगा होगा, राणा प्रताप होगा, वीर हेमू, क्षत्रशाल,  गोविन्द सिंह बंद वैरागी जैसे योद्धा निकल के आयेंगे | ये लोंग तो सदैव से हैं सदैव रहेंगे पर नहीं रहेगा आज जितना विशाल भारत जो थोडा बहुत देश बचा पायेंगे वो भी लाशो के ढेर पर होगा | ये सब रुक सकता हैं अगर हम समय रहते भारत को वैदिक राष्ट्र/आर्य राष्ट्र /हिंदू राष्ट्र बना ले |
हिन्दुओ को पंथ निरपेक्षता का वास्तविक अर्थ समझना होगा | भारत में तब तक लोकतंत्र हैं बहु संस्कृति हैं जब तक यहाँ बहुलता में आर्य (हिंदू) हैं जिस वक्त हिंदू कम हो गए भारत का विविधता में एकता वाला अस्तित्व खत्म हो जाएगा | जी हां विवधता में एकता हिंदुत्व का सिद्धांत हैं पुराण कुछ भी कहे हिंदू सबको सम्मान देने वाले लोंग हैं राम को पूजने वाले कृष्ण को भी मानते हैं काली को भी वो महात्मा बुद्ध को भी विष्णु का अवतार मानते हैं | पर मुस्लिमो में एक सुन्नी शिया मस्जिद में तभी जायेगा जब उसे वहा धमाका करना होगा | पूर्वोत्तर के राज्य तो अभी ही निकल चुके हैं भारत सरकार के नियंत्रण से | २०५०-६० तक तो कितना कुछ बदल जाएगा | जो अत्याचार हमारे पूर्वज झेल के आ रहे हैं हम अपने सेकुलरवाद की बेवकूफी में फिर से अपने बच्चो को वही पंहुचा देंगे मुग़ल काल में | और यकीन मानिये ये काल सिर्फ कोम्मुनिस्तो की किताबो में स्वर्णिम युग हैं वास्तव में ये २००१ के तालिबान से भी भयानक काल रहा हैं जो आगे आएगा | पर इस निश्चित समस्या का समाधान भी हैं | वैदिक प्रजतंत्र व्यवस्था से ना केवल इस्लाम ईसाइयत की समस्या खत्म होगी भारत फिर से विश्व सम्राट बनने की ओर होगा | वैदिक विश्व साम्राज्य हम फिर से बनायेगे वेद मंत्रो की गूँज से आर्यो की संसदे प्रारंभ होंगी |
भारत की संसद ही नहीं ,
हम काबा पर भगवा फैरायेंगे,
पुन्ह विश्व वैदिक साम्राज्य फैलायेंगे |
इति शुभम

Sunday, July 10, 2011

लव जेहाद: क्यों, कैसे, नुकसान और बचाव

क्यों?

भारत में जब इस्लामी सेनाए हमला करने को तैयार ना होती थी क्यों की आर्य भूमि से इस्लामिक सेनाए जिंदा वापस नहीं जाती थी , उस वक्त भारत के मंदिरों से ज्यादा भारत की औरतो का लालच दे कर जेहादी नेता अपनी सेनाओ को मना पाते थे भारत पर हमला करने के लिए | “औरतो की लूट” नामक एक किताब तक लिखी जा चुकी हैं जिसमे दिल देहला देने वाले आकडे हैं मुसलमानों द्वारा हिंदू स्त्रियों को लूट के सामान की तरह ले जाने के लिए | उन आकडो से तो सिर्फ यही साबित होता हैं के अफगानिस्तान और तुर्की की ९० फ़ीसदी आबादी हिंदू औरतो से ही पैदा हैं | समय बदल गया हैं, आज औरतो को मुस्लमान एक गैर इस्लामिक देश में ऐसे ही उठा के नहीं ले जा सकते बंगलादेश या पाकिस्तान की बात अलग हैं | भारत में या यूरोप में इन्होने अलग तरीके अपना रखे हैं गैर मुस्लमान औरतो से बच्चे पैदा कर के इस्लाम को बढ़ाने के | तो यहाँ शुरू होता हैं लव जेहाद |

कैसे?

१.                   मुस्लिम लडको को मौलवियो व अन्य इस्लामिक संगठन द्वारा हिंदू लडकियो को फ़साने को ना केवल प्रोत्साहित किया जाता हैं अपितु इनाम के तौर पर या कहे घर बसाने के नाम पर बड़ी रकम भी रखी जाती हैं | ये रकम जेहाद के नाम पर, जकात के नाम पर, जिज्या के नाम या आपके द्वारा पेट्रोल पर दी हुई रकम से ली जाती हैं |
२.                   कम से कम ४-५ लड़के (ज्यादा भी हो सकते हैं ) आपस में मिल के हिंदू लडकियो को चुनते हैं फ़साने के लिए | मुस्लमान हमेशा समूह में रहते हैं अपने कायर स्वाभाव की वजह से इसलिए उन हिंदू लडकियो को बचाना इतना सरल नहीं होता |
३.                   ये लड़के गर्ल्स कालेज के बाहर, कंप्यूटर संसथान के बाहर या अंदर, या कोचिंग संस्थानों के आसपास रहते हैं | कभी-२ लेडिस टेलर की दुकान पर ४-५ लड़के लगे ही रहते हैं | इन्टरनेट पर सोशल नेटवर्क से लेकर याहू चैट रूम तक हर वो जगह जहा इन्हें हिंदू लड़किया मिल सकती हैं वहा ये लगे रहते हैं घात में |
४.                   ज्यादातर मौको पर ये लड़के खुद को हिंदू ही दिखाने का प्रयास करते हैं | अच्छा मोबाइल सेट, कपडे, वा मोटर साइकिल आकर्षण के तौर पर इनका हथियार होते हैं | जिम में घंटो कसरत भी ये लोंग इसी लिए करते हैं ताकि अधिक से अधिक हिंदू लड़किया फसा सके |
५.                   दक्षिण भारत में तो मुल्ला मौलवी इन लडको के लिए पर्सोनालिटी डेवेलोप्मेंट कोर्से चलवा देते हैं | किस तरह बात की जाए लडकियो से , उन्हें कैसे तोहफे दिए जाए | और किस प्रकार सेक्युलर बन कर उनसे सिर्फ प्यार मोहब्बत की बात कर के खूबसूरत सपने दिखाए जाए |
६.                   फिल्म उद्योग में बढते खान मेनिया से ये अब और भी सरल हो गया हैं | ज्यादातर हीरो खान होते हैं ऐसी मानसिकता लड़कियों में तेजी से बढ़ रही हैं जो की समाज के लिए बहुत की घातक हैं |
७.                   अगर हिंदू लड़की निश्चित समय में नहीं फसती तो लव जेहादी अपने किसी दूसरे मित्र को उसके पीछे लगा देता हैं और खुद किसी और के पीछे लग जाता हैं | इसे लड़की फॉरवर्ड करना कहते हैं |
८.                   जल्द ही ये लड़के भोली भाली हिंदू लडकियो को अपने प्यार के जाल में फसा लेते हैं | उनमे से कई तो शारीरिक सम्बन्ध भी स्थापित कर लेते हैं | ज्यादातर घटनाओ में मुस्लिम लड़के वाईग्रा का इस्तेमाल करते हैं ताकि लड़किया संतुष्ट रहे और उनके खानपान से आई नापुसकता छुपी रहे |
९.                   एक बार लड़की से सम्बन्ध स्थापित हो गए तो लड़की को घर से भागने के लिए मनाने में इन्हें देर नहीं लगती | कही बार ये पहले भी मना लेते हैं पर ऐसा कम ही होता हैं |
१०.                भगा के लड़का लड़की को शादी से पहले इस्लाम कुबूल करने पर मजबूर करा लेता हैं इस्लामी तरीके से शादी के नाम पर और लड़की फस जाती हैं जाल में क्यों की लड़की को वापस जाने की बात तो दिमाग में आती ही नहीं |
११.                लड़की को भगा के इस्लामिक शादी कर ले जाने के बाद लड़की के साथ निम्न में से एक घटना होती हैं
क ) लड़का लड़की का पूरी तरह भोग कर के उसके शहर से चार पाच सौ किलोमीटर दूर बेच देता हैं किसी अधेड उम्र के मुस्लमान आदमी को जिसको उसकी बदसूरती की वजह से  औरत नहीं मिली होती या उसे बस औरतो का शौक होता हैं | यानि लड़की को वैश्या व्रती के दल दल में डाल देता हैं |
ख ) लड़की को पता चलता हैं के लड़का पहले से ही २-३ शादिया करे बैठा हैं | और उसे भी नकाब में बंद एक कमरा मिल जाता हैं |
घ ) लड़की की किस्मत अच्छी होती हैं और वो उसकी पहली बीवी ही निकलती हैं | इस पारिस्थि में लड़की नकाब में तो कैद होती हैं पर उसे अपने २-३ सौतनो का इन्तेज़ार करना पड़ता है | और लड़के की गुलाम बन कर रह जाती हैं क्यों की वो इस्लाम कुबूल कर चुकी होती हैं और इस्लाम में औरत को तलाक का कोई अधिकार नहीं होता |

 नुकसान

    

१.       एक हिंदू लड़की के भागने से कम से कम ८ हिन्दुओ की हानि होती हैं |
२.       जो लड़की भागती हैं वहा एक , जिसके साथ भागती हैं उसके लिए कम से कम ४ बच्चे पैदा करती हैं , अगर वहा लड़की ना भागती और किसी हिंदू के साथ शादी करती और वहा समझदार होता तो कम से कम ३ बच्चे पैदा करता इस प्रकार १+४+३=८ हिन्दुओ का नुकसान  होता हैं |
३.       अब जरा अनुमान लगाइए के ८ हिंदू अगले पच्चीस साल में ३ बच्चे भी पैदा करते तो २४ और वो अगले पच्चीस साल में ७२ इस प्रकार सौ साल में ४३२ हिन्दुओ का नुकसान  होता सिर्फ एक हिंदू लड़की के जाने से |
४.       वही एक मुस्लमान एक हिंदू लड़की भागने पर उस से ४ बच्चे पैदा करता हैं वो ४ अगले पचीस साल में १६ बच्चे पैदा करते हैं वो १६ अगले पचीस साल में ६४ बच्चे पैदा करते हैं इस प्रकार ५१२ मुसलमानों की वृधि होती हैं |
५.       अब जोडीये जरा ४३२ + ५१२ = ९४४ हिन्दुओ का नुकसान  सौ साल में बिना किसी तलवार के जोर के और कहने को इस्लाम दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला मजहब |
६.       इन्टरनेट पर उपलब्ध आकडो के अनुसार हर साल १ लाख से ऊपर हिंदू लड़किया मुस्लिम लडको के साथ भाग रही हैं तो अब जरा गुना करिये ९४४ * १००००० = ९४४००००० यानि नौ करोड़ चौवालीस लाख का अंतर बैठेगा सिर्फ एक साल में हिंदू लड़कियों के भागने के नुकसान पर अगले सौ सालो में | ये आकड़ा बड़ा जरुर लगता होगा पर इसमें मृत्यु दर, नापुसकता दर , वा अन्य घटी भी लगा ले तो भी ये अकडा करोड़ों में ही रहेगा |
७.       इस आकडे के अनुसार अगर सिर्फ २० साल मुस्लिम इसी दर से लव जेहाद का अभियान चलाते रहे तो उनकी आबादी में कितनी वृधि होगी इसका अनुमान आप खुद ही लगाइए यानी आने वाले समय में हिन्दुओ का सुपडा साफ़ हो जाएगा सिर्फ इस छोटे से लगाने वाले बड़े हथियार से | लड़किया दोनों समुदायों में कम हैं पर हिंदू आबादी पर हो रहे इस विशेष तकनिकी हमले की वजह से हिंदू वृधि दर को नकारात्मक में जाने में देर नहीं लगेगी |
८.       जो हिंदू ८०० सालो की जबरदस्त मार काट के बावजूद ८० करोड़ बचा हुआ था वो मात्र २० साल के निरंतर एक दर के लव जेहाद से अगले सौ सालो में लुप्त होने की कगार पर पहुच जाएगा | जैसे आज यहूदियो का हाल हैं |
१.       लड़की के पालन,पोषण शिक्षा पर हिंदू मा-बाप कितना खर्च करते हैं पर जब हिन्दुओ को अपनी कौम को बढ़ाने का वक्त आता हैं तो मुस्लिम लड़के हिंदू लडकियो को ले उड़ते हैं | ये तरीका मुसलमानों को खुद के बच्चे पैदा कर के उन्हें पाल पास के बड़ा करने से भी सरल हैं , पका पकाया खाने का सरलतम तरीका हैं लव जेहाद |

  बचाव


१.       लड़कियों को बचपन से ही वैदिक धर्म के मूलभूत सिद्धांत और इस्लाम की कार्य निति समझा दीजिए | ये कार्य आप अपने बच्चो को खाने के टेबल पर भी सिखा सकते हैं | बच्चो को बाल सत्यार्थ प्रकाश और किशोरों को सत्यार्थ प्रकाश पढ़ने को अवश्य दे |
२.       किसी भी प्रकार से किसी भी मुस्लिम को घर के अंदर मत घुसने दे |
३.       अगर कोई मुस्लिम लड़का आपकी लड़की के आसपास फटक रहा हैं तो फ़ौरन कारवाही करिये | यदि खुद आप समर्थ नहीं तो अपने सर्वप्रथम अपने क्षेत्र के लोगो की उसके बाद वजरंग दल , विश्व हिंदू परिषद , राष्ट्रीय स्वं सेवक संघ , आर्य समाज , या अन्य किसी भी हिंदू संगठन की मदद ले |
४.       पुलिस से सहायता लेने में भी ना चुके |
५.       अपनी लड़की से खुल के बात करे अगर उसका कोई हिंदू प्रेमी हैं तो उसे घर पर बुला कर मिले | इस बात से निश्चित हो जाए के वो हिंदू हैं | व्यस्त लड़की पर मुस्लिम जेहादी जल्दी सफलता नहीं पा पाते |
६.       अंतर जातीय शादी को अब मान्यता दे | ये देखे के लड़के का चरित्र कैसा हैं और वो करता क्या हैं ना की उसका उपनाम | किसी भी जाती का हिंदू एक मुसलमान से हज़ार गुना बहेतर हैं क्यों की उसके पूर्वजो ने अपना शौर्य दिखा के अपने धर्मं को नहीं छोड़ा |
७.       दहेज ना ले, ना दे और लड़की की जल्द से जल्द शादी करा दे |
८.       मुसलमानो का आर्थिक बहिष्कार करे | और अपने क्षेत्र के लडको को उनकी लड़कियों से शादी करने को प्रेरित करे | ये बदले की भावना से नहीं बल्कि सुरक्षा की भावना से करे | इस से उस मुस्लिम लड़की का भी उद्धार होगा |
९.       मुस्लिम लड़का हिंदू होने को भी तैयार हो सकता हैं | पर अक्सर ऐसे मामलो पर भरोसा ना करे | इस्लाम में काफिरो यानि गैर मुसलमानों से झूठ बोलना जायज हैं इसे तकिया कहा जाता हैं | लड़का सिर्फ लड़की फ़साने के लिए ऐसा नाटक कर सकता हैं इसलिए जोखिम मत उठाये |
१०.   अगर कोई मुस्लिम इस प्रकार की घटना में हिंदू मुस्लिम एकता का हवाला दे तो उस से पूछियेगा के क्या वो अपनी बहन की शादी किसी हिंदू से करा रहा हैं | हिंदू मुस्लिम एकता सिर्फ हिंदू लड़कियों की शादी मुस्लिम लड़को से शादी करने से तो नहीं आयेगी इसमें उन्हें भी बराबरी का सहयोग देना होगा |
११.   अगर लड़की भाग भी गई हैं तो उसे वापस लाने में संकोच ना करे | इसमें कोई शर्म की बात नही बल्कि लड़की को वापस लाने से आप अपनी गलती सुधारेंगे | हिंदू संगठनो में वा आर्य समाज के माध्यम से आपको ऐसे बहुत से राष्ट्र भक्त युवा मिल जाएँगे जो उन लडकियो को स्वीकार करने को तैयार हो जाएँगे |
१२.   कम से कम ३ बच्चे अवश्य पैदा करे और ये जान ले की लडकिया समाज का आधार हैं | उनसे ही कौम आगे बढ़ेगी इसलिए भ्रूण हत्या के खिलाफ आन्दोलन में जागरूक रहे |

Monday, July 4, 2011

कृपया कैडबरी की चोकलेट ना खाए

भाइयो आपको इस बात की जानकारी नहीं होगी की कैडबरी की चोकलेट में गौमांश मिला होता हैं |
चॉकलेट मे काफ रेनेट (बछड़े के मांस
का रस मिला होता है)

देखिये पढ़िये खुद चॉकलेट की
विशेषज्ञ वैबसाइट क्या कहती है ?
http://goo.gl/RlT8E

और कुछ संदर्भ: 
http://goo.gl/eM4q7 http://goo.gl/YXf2M http://goo.gl/EO8mb

केडबरी के कुछ उत्पाद पर प्रतिबंध
साभार : एक गौ भक्त 

"Lays चिप्स के पैकेट में जो E631 लिखा है वह दर असल सूअर की चर्बी है। चाहो तो गूगल पर देख लो। " कमाल है ! शायद ही कोई भारतीय परिवार चिप्स आदि से बच पाया होगा!! मुझे तत्काल कुछ वर्षों पहले का वह समय या...द आने लगा जब MSG का पता चलने पर मैं हर स्टोर पर किसी खाद्य पदार्थ के पैकेट पर नज़रें गड़ा कर यह देखने लगा जाता था कि इसमे कहीं MSG तो नहीं। यह देख वहां का स्टाफ व्यंग्य भरी नज़रें लिए बताता था कि ये सस्ता है सर, ज़्यादा महंगा नहीं है! मै जब कहता कि कीमत नहीं देख रहा हूँ तो उनकी जिज्ञासा बढ़ती तब बताता कि यह क्या होता है। आजकल तो बड़े बड़े अक्षरों में खास तौर पर लिखा रहता है कि No MSG ऐसा ही कुछ वाकया ब्रुक बोंड की चाय-पत्ती के साथ हुआ था जिस पर पोस्ट लिखी थी मैंने कि किस तरह इतनी बड़ी कम्पनी लोगों को सरासर बेवकूफ बना रही है। बात हो रही E631 की। मैं दन्न से बाज़ार गया और Lays के पैकेट देखे कुछ नहीं दिखा। लेकिन मुझे याद आने लग पड़ा था कि इस तरह के कोड देखें हैं मैंने कुछ दिन पहले। शहर के दूसरे कोने वाल़े एक सुपर बाज़ार में भी कुछ नहीं दिखा तो स्टोर वालों से इस बारे में बात करने पर ज्ञात हुआ कि कुछ सप्ताह पहले आयातित चिप्स और बिस्किट लाए गए थे जो अब ख़त्म हो चुके। तब तक एक जिज्ञासु कर्मचारी कहीं से दो ऐसे पैकेट ले आया जिन्हें चूहों द्वारा कुतरे जाने पर अलग रख दिया गया था। उन में इस तरह के कोड थे जिस में वाकई 631 लिखा हुआ है अब मैंने गूगल की शरण ली तो पता चला कि कुछ अरसे पहले यह हंगामा पाकिस्तान में हुआ था जिस पर ढेरों आरोप और सफाइयां दस्तावेजों सहित मौजूद हैं । हैरत की बात यह दिखी कि इस पदार्थ को कई देशों में प्रतिबंधित किया गया है किन्तु अपने देश में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा। मूल तौर पर यह पदार्थ सूअर और मछली की चर्बी से प्राप्त होता है और ज्यादातर नूडल्स, चिप्स में स्वाद बढाने के लिए किया जाता है। रसायन शास्त्र में इसे Disodium Inosinate कहा जाता है जिसका सूत्र है C10H11N4Na2O8P1 होता यह है कि अधिकतर (ठंडे) पश्चिमी देशों में सूअर का मांस बहुत पसंद किया जाता है। वहाँ तो बाकायदा इसके लिए हजारों की तादाद में सूअर फार्म हैं। सूअर ही ऐसा प्राणी है जिसमे सभी जानवरों से अधिक चर्बी होती है। दिक्कत यह है कि चर्बी से बचते हैं लोग। तो फिर इस बेकार चर्बी का क्या किया जाए? पहले तो इसे जला दिया जाता था लेकिन फिर दिमाग दौड़ा कर इसका उपयोग साबुन वगैरह में किया गया और यह हिट रहा। फिर तो इसका व्यापारिक जाल बन गया और तरह तरह के उपयोग होने लगे। नाम दिया गया 'पिग फैट' 1857 का वर्ष तो याद होगा आपको? उस समयकाल में बंदूकों की गोलियां पश्चिमी देशों से भारतीय उपमहाद्वीप में समुद्री राह से भेजी जाती थीं और उस महीनों लम्बे सफ़र में समुद्री आबोहवा से गोलियां खराब हो जाती थीं। तब उन पर सूअर चर्बी की परत चढ़ा कर भेजा जाने लगा। लेकिन गोलियां भरने के पहले उस परत को दांतों से काट कर अलग किया जाना होता था। यह तथ्य सामने आते ही जो क्रोध फैला उसकी परिणिति 1857 की क्रांति में हुई बताई जाती है। इससे परेशान हो अब इसे नाम दिया गया 'ऐनिमल फैट' ! मुस्लिम देशों में इसे गाय या भेड़ की चर्बी कह प्रचारित किया गया लेकिन इसके हलाल न होने से असंतोष थमा नहीं और इसे प्रतिबंधित कर दिया गया। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नींद उड़ गई। आखिर उनका 75 प्रतिशत कमाई मारी जा रही थी इन बातों से। हार कर एक राह निकाली गई। अब गुप्त संकेतो वाली भाषा का उपयोग करने की सोची गई जिसे केवल संबंधित विभाग ही जानें कि यह क्या है! आम उपभोक्ता अनजान रह सब हजम करता रहे। तब जनम हुआ E कोड का तब से यह E631 पदार्थ कई चीजों में उपयोग किया जाने लगा जिसमे मुख्य हैं टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, च्युंग गम, चॉकलेट, मिठाई, बिस्कुट, कोर्न फ्लैक्स, टॉफी, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ आदि। सूची में और भी नाम हो सकते हैं। हाँ, कुछ मल्टी- विटामिन की गोलियों में भी यह पदार्थ होता है। शिशुयों, किशोरों सहित अस्थमा और गठिया के रोगियों को इस E631 पदार्थ मिश्रित सामग्री को उपयोग नहीं करने की सलाह है लेकिन कम्पनियाँ कहती हैं कि इसकी कम मात्रा होने से कुछ नहीं होता। पिछले वर्ष खुशदीप सहगल जी ने एक पोस्ट में बताया था कि कुरकुरे में प्लास्टिक होने की खबर है चाहें तो एक दो टुकड़ों को जला कर देख लें। मैंने वैसा किया और पिघलते टपकते कुरकुरे को देख हैरान हो गया। अब लग रहा कि कहीं वह चर्बी का प्रभाव तो नहीं था!? अब बताया तो यही जा रहा है कि जहां भी किसी पदार्थ पर लिखा दिखे E100, E110, E120, E 140, E141, E153, E210, E213, E214, E216, E234, E252,E270, E280, E325, E326, E327, E334, E335, E336, E337, E422, E430, E431, E432, E433, E434, E435, E436, E440, E470, E471, E472, E473, E474, E475,E476, E477, E478, E481, E482, E483,
साभार : AjAy Kumar Bohat फेस बुक

Sunday, July 3, 2011

“अब लव जिहाद”


केरल में हिंदू युवतियो को मुस्लिम बनाने का षडयंत्र तेज

   केरल में इन दिनों एक मजहबी उन्मादी मुस्लिम गुट, जिसका नाम हैं ‘लव जिहाद’, हिंदू युवतियों को अपने ‘प्रेम’ में फसा कर उनसे निकाह करके मुस्लिम बनाने के षडयंत्र में लगा हुआ हैं | पता चला हैं के इस संगठन ने इस तरीके से अब तक सैकडो युवतियों को मतांतरित किया हैं | ‘लव जिहाद’ में कई कट्टरवादी मुस्लिम गुटों के सदस्य शामिल हैं | पिछले छह माह के दौरान पंचायत के रेजिसट्ररारो से इस तरह के ४००० निकाहो का खुलासा होने पर पुलिस की विशेष शाखा ने जांच आरंभ की हैं | ऐसे सबसे ज्यादा निकाह मुस्लिम बहुल मलप्पुरम जिले में देखने में आए हैं और उसके बाद कोझीकोड जिले में हैं | दुसरे जिले में भी इस तरह के निकाहो की खबर हैं |
   यह गुट युवा मुस्लिम लडको का इस्तेमाल करता हैं | उन्हें हिंदू लड़कियों को फांसने की तालीम दी जाती हैं जिसका खास मकसद उन्हें इस्लाम में मतांतरित करना होता हैं | निर्देशो के अनुसार , मुस्लिम युवक को सप्ताह की समय सीमा के अंदर हिंदू लड़कियों पर अपना जाल फैलाते हैं और अगले छह महीने के दौरान उनका ‘ब्रेन वाश’ करके उनका मतांतरण और निकाह करते हैं | जो युवतिया इससे इनकार करती हैं | उन्हें इस जाल से कभी बहार नहीं निकालने दिया जाता | समझा जाता हैं की उन्हें खास हिदायते दी गई हैं की प्रत्येक निकाह से कम से कम चार बच्चे पैदा किये जाए | अगर ‘लक्ष्य’ को  सप्ताह  के अंदर झांसे में नहीं फसता, तो उन्हें हिदायत हैं की उसे छोडकर दूसरी लड़की पर निशाना साधे |

  इस काम में काफी पैसा खर्च होता हैं जो विदेस्थ संगठनो से आ रहा हैं | पता चला हैं के ये गुट केरल में पिछले एक साल से सक्रिय हैं| इस मतांतरण अभियान में जुटे मुस्लिम रंगरूटो को चमक-दमक के सामान. जैसे मोबाइल फोन , मोटर साइकिले और दूसरे फैशन परस्त लिबास मुफ्त दिए जाते हैं | काफी समय से केरल मध्य पूर्व के लिए सस्ते मजदूरो का गढ़ रहा हैं | केरल से वहा जाने वाले ज्यादातर एक खास तरह के अनपढ़ मुस्लिम होते हैं जिनके पास आय का कोई बेहतर स्रोत नहीं होता | इनमे से कुछ उन्मादी हो जाते हैं और एक बिलकुल ही नया अभियान लेकर अपने गृह प्रदेश में वापस लौटते हैं | उसके बाद वे जिन हरकतों में लग जाते हैं उन्हें समझना मुश्किल नहीं हैं | हर जिले में इस अभियान की निगरानी के लिए एक क्षेत्रीय प्रमुख तैयार हैं | कालेज में दाखिले शुरू होने से पहले वे लड़कियों की सूचि बना लेते हैं और मजहब के आधार पर उन्हें अलग कर लेते हैं | इसके बाद अपने कारिन्दो के जरिये वे जाल बिछाते हैं और हिंदू लड़कियों को ‘प्रेम जाल’ में फसाकर मुस्लिम बनाकर निकाह करते हैं | ऐसा करने पर कोई  सफल होता हैं तो उस मुस्लिम लड़के को बतौर इनाम एक लाख रूपय दिए जाते हैं जो केरल के लिहाज से काफी अच्छी-खासी रकम हैं |  
 खतरा इस बात का भी हैं के केरल की मुस्लिम आबादी का तेजी से उन्मादिकरण इसे स्थानीय आतंकवादियों की ऐशगाह बना देगा | अगर इस पर काबू नहीं किया जाता तो केरल में इतनी ज्यादा परेशानी खड़ी हो जाएगी की जिसे संभालना मुश्किल होगा | पंचायत स्टार पर स्थानीय प्रशासन को इस तरह के अहिंसक और दूरगामी नतीजो वाले लोव जिहाद का सामना करने के लिए आवश्यक उपाय उपलब्ध करवाने होंगे | उम्मीद हैं के की ये खतरनाक पहलू सी बी आई ,सी आई डी और केन्द्रीय गृहमंत्री चिदम्बरम की नजरो में आएगा |

साभार: प्रदीप कुमार

१२ अप्रैल २००९ के पांचजन्य के प्रष्ठ ९

 ऐसा नहीं की भारत के विभाजन के बाद मुसलमान ऐसा कर नहीं रहे थे पर हाल के वर्षों में आयी बढ़ी हुई घटनाओं की वजह से हिन्दुओ का ध्यान गया हैं | केरल में स्थिति विषम हैं पर पश्चिम बंगाल, असोम व पूर्वोतर राज्य बिहार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के  जिलो में लव जिहाद भी बहुत बढ़ोतरी हो चुकी हैं | एवं समस्त भारत में ये अभियान अपने निर्धारिक लक्ष्य को लेकर चल रहा हैं | धार्मिक जागरूकता ही आपकी बहन बेटियों को बच्चा सकता हैं |
और अधिक जानकारी के लिए पढ़े 

लव जेहाद: क्यों, कैसे, नुकसान और बचाव

'Love Jihad' - A Jihadi Organisations to trap Hindu girls





Friday, July 1, 2011

कादियानी इस्लाम से खारिज :दारुल उलूम

वैसे ये बात हम सभी जानते हैं के कादियानी मोहम्मद को पैगम्बर नहीं मानते और मुसलमानों से एक दम अलग हैं पार इसकी औपचारिक घोषणा भी कर दी गई दारुल उलूम की तरफ से | मजे की बात ये हैं के अग्निवीर वेबसाइट के खिलाफ सुन्नी कादियानियो का साहित्य इस्तेमाल करते हैं | खुद मिया ज़ाकिर नायिक वाहाबी हैं पर आर्य समाज को जवाब देने के लिए कादियानीयो का पहले से ही आर्यो द्वारा निरस्त साहित्य प्रयोग करते हैं | चालिए प्रमाण देखते हैं......


कादियानी इस्लाम से खारिज
देवबंद : दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने कहा कि कादियानियों का इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है। ये मुस्लिमों को गुमराह करते हैं, इसलिए सऊदी अरब सरकार इनके हज करने पर रोक लगाए। दैनिक जागरण से बातचीत में मौलाना मद्रासी ने कहा कि कादियानी काफिर हैं। सऊदी अरब हुकूमत भी कादियानियों को इस्लाम से खारिज मानती है। इस फिरके ने मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी की है। कादियानी फिरके के प्रमुख मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी ने खुद को आखिरी पैगंबर घोषित किया, जबकि इस्लाम से इसका कोई संबंध नहीं है। मद्रासी ने कहा कि इस फिरके के लोगों का सउदी अरब जाकर हज करना बेजा है। उन्होंने साफ किया कि दारुल उलूम की ओर से सउदी अरब की हुकूमत से गुजारिश की गयी है कि वह कादियानियों के हज व उमरा पर सख्ती से प्रतिबंध लगाएं। मद्रासी का यह भी कहना है कि कादियानी दुष्प्रचार कर मुसलमानों को गुमराह करते हैं। इसीलिए दारुल उलूम ने कादियानी के खिलाफ शोबा-ए-खत्मे नबुव्वत भी बनाया है। यह प्रकोष्ठ समय-समय पर सेमिनार करता है और स्पष्ट जानकारी देता है कि कादियानी इस्लाम में नहीं हैं। कौन हैं कादियानी : आजादी के समय पंजाब के गुरदासपुर जिला स्थित कादियान कस्बे से मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी ने इस संप्रदाय की शुरुआत की। पहले इसके अनुयायी पंजाब के आसपास ही थे। बाद में धर्म प्रचारकों ने इसे हिंदुस्तान के बाहर भी फैलाया।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=30&edition=2011-07-01&pageno=9#id=111715295671964728_30_2011-07-01

Sunday, June 12, 2011

बाबा रामदेव की असफल शुरुआत......

अंततः बाबा जी ने अपनी अनशन तोड़ दी | कांग्रेस की भी अच्छी खासी फजीहत हुयी हैं पर बाबा रामदेव की छवि भी राजनैतिक विस्लेशको को आलोचना करनी पड़ेगी भले ही वे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनके साथ हो | बाबा के समर्थकों को तो कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों की समर्थक अपने नेता के दोष नहीं दिखते | जो थोड़े बहुत चिंतनशील समर्थक होंगे वे शायद बाबा की गलतियों को नजरअंदाज ना कर सके | जी हां हार , बाबा बुरी तरह हार गए | हर कदम पर , निश्चित तौर पर ये अंत नहीं शुरुआत हैं आशा करूँगा वे अंत में जीते | जिस मकसद को ले कर उन्होंने अनशन शुरू करी थी उसे बिना मंजूर कराये ही उन्होंने अपनी अनशन तोड़ दी तो ये हार ही हुयी उनकी | फिर बाबा की राजनैतिक अपरिपक्यता भी दिख गई | हम चर्चा करते हैं बाबा की शुरूआती हार के कारणों को जानने का |
१.      सत्याग्रह का गाँधीवादी तरीका अपनाना |
सत्याग्रह यानी सत्य बात का आग्रह | इसमें खाना ना खा कर अपनी बात मनवाने का तरीका अप्रत्यक्ष हिंसा की धमकी होता हैं और कुछ नहीं | यानी अगर मैं मर गया तो मेरे बाद हिंसा हो जायेगी | मोहनदास गाँधी यही करता रहा हैं पर उसकी मांगो से गाँधी की प्रसिद्धि बढती थी जिसका बाद में बर्तानिया सरकार लाभ उठाती थी गाँधी से अपनी शर्तों पर हस्ताक्षर करवा के | बाबा भी गाँधी की रहा पर चल रहे हैं | हिंदू मुस्लिम एकता की बात करना अच्छी बात हैं, ये १८५७ में आई थी जब हिंदू क्रन्तिकारी मुग़ल बादशाह के लिए लड़े थे | तब जा कर मुसलमानों ने साथ निभाने का अपना वादा निभाया था उसके बाद से तो हिंदू मुस्लिम एकता के प्रयास महात्मा(कथित) गाँधी द्वारा होते रहे और नतीजतन हमें पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान मिला लाखो हिन्दुओ की लाशो पर | बाबा ने अपने मंचों पर मुस्लिम नेताओ को लाने का प्रयास किया पर रात को जब लाठिया खाने का वक्त आया तो एक भी मुस्लिम नेता उनके साथ ना था | ठीक वैसे ही जैसे रात को नोआखाली में सुरहवर्दी गाँधी का साथ छोड कर अपनी हवेली में निकल जाता था | फिर बाबा खाना खाए या ना खाए सरकार को क्या फर्क पड़ता हैं बाबा कौन गाँधी की तरह सरकार के अजेन्ट थे, हां उन्होंने गुप्त समझौता कर के जरुर गलती की |
२.      कांग्रेस के झांसे में आकार गुप्त समझौता करना |
बाबा निजी विमान से उतरे चार केंद्रीय मंत्री उन्हें लेने आये | सरकार सत्याग्रह के एक दिन पूर्व से ही मनाने में लग गयी या कहे अपने जाल में फ़साने में लग गई | अपनी आव भगत देख कर बाबा को भी लग रहा होगा के सत्ता के विरोध में जाने पर भी बाबा को इतना सम्मान मिल रहा हैं | दिग्विजय सिंह के बयान फिर भी आते रहे बाबा को जरुरत से ज्यादा भाव दिए जा रहे हैं और सोनिया-राहुल सोची समझी रणनीति अनुसार चुप रहे | प्यार से स्वागत और बेइज्जती करके निकालना | पर स्वागत पर बाबा पानी में चढ गए और लिखित में दे दिया गया के दूसरे दिन दोपहर तक घोषणा कर देंगे और २ दिन तप करेंगे | बाबा को जनता में भी तो जवाब देना था सो कुछ तो दिखाना ही था जब के अनशन का कोई तुक नहीं बनता था लिखित देने के बाद | ये धोखा ना हुआ अपने अनुयायियों के साथ ?
३.      बाबा की राजनैतिक अपरिपक्यता
बाबा ने खुद तो लिखित दे दिया क्या कांग्रेस से कुछ लिया ? की बस कांग्रेस के शब्दों पर ही उन्हें अपार विश्वास था और उसे ही समझौता मान लिया | फिर जो कहा था वो करते , तो भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती थी हालाकि बाबा के पास कोई प्रमाण तो दिख नहीं रहा जिस से कहते के कांग्रेस ने उनकी बात मान ली | फिर भी अगर बाबा लिखित ना देते या जैसा लिखित दिया था वैसा ही करते तो भी कांग्रेस इस तरह निहथे लोगो पर हमला करवाने की हिम्मत जुटाने में संकोच करती | पर कांग्रेस के काले अंग्रेजो की असलियत तो सामने आ ही गयी |
४.      अन्ना हजारे से प्रतियोगिता
निश्चित तौर पर अन्ना हो या बाबा मुद्दे दोनों के ही जन हित के हैं | पर इतनी जल्दी दिखाना बाबा के  स्वय केंद्रित होने का सूचक हैं | शुरुआत बाबा ने की और श्रेय अन्ना लिए जा रहे हैं इस तरह की कुंठा उनके स्वय के लिए अहितकारी सिद्ध हुयी | ये २०१४ के करीब का समय नहीं था जो बाबा समर्थित दलों को लाभ मिलता | हां अभी सत्याग्रह सफल हो जाने से बाबा का राजनैतिक मंच जरुर मजबूत हो जाता पर राजनैतिक मंच से समाज सेवा बाहर से नहीं होती | क्यों के आप अपने विरोधी के समतुल्य हो जाते हैं राजनीती में आने के प्रण से | अन्ना ने अपने बयान में साफ़ कहा के मेरा राजनीती में आने का कोई इरादा नहीं इसी आधार पर उनके साथ कांग्रेस विरोधी जैसा व्यहवार नहीं कर पाई |
५.      बाबा का संतुलित ना बोलना
यजुर्वेद २३ . २५  में साफ़ लिखा हैं “हे ब्राह्मण ! तू अधिक मत बोल |” बाबा के बयान परिस्थिति विपरीत ही रहे हैं | बाबा का एक बयान के फलाने ने मुझे देखो कहा ब्लदी इंडियन अखबार के पहले प्रष्ठ पर था पर भारत स्वाभिमान के राजीव दिक्षित के देहांत पर बाबा का एक भी बयान अखबार में ना आना बेहद ही संशयात्मक परिस्थिया पैदा करता हैं अतः उनके निधन के कारणों में बाबा को भी संदेहे से बाहर नहीं रखा जा सकता | तो जहा अति आवश्यक हो वही बोलना चाहिए राजीव दिक्षित खुल के कांग्रेस की नेहरु गाँधी परिवार की पोल खोल के जड़ खोद रहे थे | वह निश्चित तौर पर कांग्रेस के सबसे बड़े शत्रु थे और उनकी मृत्यु एक बड़ा अजेंडा होना चाहिए थी | बाबा ने अनशन से पहले बड़े-बड़े बयान दिए | ऐसा लग सकता हैं के डर नाम की चीज़ नहीं हैं पर जब शौर्य दिखाने का वक्त आया तो अपने शब्द अनुरूप ना निकले | वही सोनिया और राहुल अपने हिंदू विरोधी बयानों को दिग्विजय नाम के कथित हिंदू के मू का प्रयोग कर के जनता तक पंहुचा देते हैं | देखिये सोनिया गाँधी कितना संतुलित बोलती हैं और कितने कम साक्षात्कार देती हैं | बाबा को राजनीती में आना हैं तो उन्हें राजनितिक ज्ञान लेना होगा | और इतिहास पर भी पकड़ बनानी होगी और ऐसा ना कर सके तो खुद पीछे रह कर योग्य नेतृत्व को समर्थन दे सब कुछ खुद करने के चक्कर में ना रहे | फिर इतनी जल्दी ११००० युवाओ को सशस्त्र सैन्य प्रशिक्षण देने का बयान देना बड़बोला बन ना कहे तो क्या कहे ? क्यों की ये काम कहे के नहीं किये जाते |
६.      बाबा का स्त्री वेश में जान बचा कर भागना
मैं एक ऐसे आर्य समाजी को जानता हू जो पहले कहता था के बड़ा दुःख होता हैं जब पुरुष स्त्री वेश में नाटक करते हैं तो बड़ा ही शर्मनाक होता हैं आजकल वहा बाबा जी का अनुयाय कर रहे हैं | बाबा का ये आचरण उनके मस्तिष्क पर कितना प्रभावशाली रहा होगा ये देखना होगा | एक वह ऋषि दयानंद था जो अकेले ही काशी के ३०० पंडितो से शाश्त्रार्थ निर्भीक हो के करता था | अगर वह ये आन्दोलन चला रहे होते तो क्या ऐसे भागते | प्रथम तो उनका सत्याग्रह भूख हड़ताल का रूप ना लेता | और अगर भीड़ में ५००० क्या ५ लाख जवान भी आते तो भीड़ में छुपाने के बजाये ऋषि दयानंद सामने आ कर दहाड़ते के लो मैं सामने हू जो कर सकते हो कर के दिखाओ | नेता वो होता हैं जो जनता के लिए मर मिटे वो नहीं जो जनता के बीच में जाकर अपनी जान बचाए| बाबा अगर गिरफ्तार किये जाते तो जेल भरो आन्दोलन करने का भारत स्वाभिमान को अच्छा मौका मिलता | स्त्री वेश में कांग्रेस की गिरफ्त से बच के भागने वाला नेता कितना अनुकरणीय हैं आर्य समाजियो के लिए ये प्रश्नात्मक चिन्ह हैं |
७.      अंततः अनशन तोडना और भविष्य में अनशन का मार्ग खत्म
बाबा को साफ़ जवाब मिल गया | सरकार सुनने वाली नहीं थी निश्चित तौर पर कांग्रेस चाहती हैं के बाबा रामदेव मर जाये क्यों की सबसे ज्यादा काला धन कांग्रेस का ही स्विस बैंक में हैं | राजीव गाँधी जो धन छोड गए उसके अतिरिक्त सोनिया गाँधी द्वारा बनाया गया धन भी वही युरोप पंहुचा हैं | अब बाबा अगर अनशन नहीं तोड़ते हैं और मारे जाते हैं तो कांग्रेस की रहा आसान होती | अनशन तोड़ते हैं तो आगे मुश्किल कांग्रेस के लिए खड़ी कर सकते हैं पर अनशन का रास्ता भविष्य में किस मू से अपनाएंगे ? एक सच्चे आर्य नेता के लिए अपनी जान का कोई महत्व नहीं होता | खैर ये बुद्धिमत्ता का परिचय दिया और अपनी जान बचाई उन्होंने पर अब उन्हें नए तरीके अपनाने होंगे और अन्ना से प्रतिद्वन्दता छोडनी होगी |

काला धन का मुद्दा राष्ट्र हित का हैं हां इस से भी बड़ा मुद्दा भारत का इस्लामीकरण हैं पर वह उठाने का साहस शायद ही कोई करे | अंत में जनता ही पीटी और जवाब सिर्फ इतना रहा के हमारी जंग भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी रहेगी | अब बाबा जो भी मुद्दा उठाये समझौता वादी मानसिकता को किनारे रख दे |
आर्य विचारों से उन्होंने समझौता कर लिया ये तो हम देख चुके हैं उनका मूर्ति को माला पहनाना देख कर | सन्यास धर्मं का भी अच्छे से पालन नहीं कर रहे हैं, कम से कम कोई काम तो पूर्ण करे | आशा हैं बाबा अब अपनी पार्टी बनाने का विचार त्याग देंगे और कांग्रेस को हर हाल में २०१४ में बाहर करने लिए बी जे पी का समर्थन करेंगे | हा उनके ऐसा करने पर उन लोगो को जरुर कष्ट होगा जिन्होंने सोचा होगा के बी जे पी का टिकट तो मिलने से रहा बाबा के दल में पहले से जुड कर टिकट की सम्भावना बढ़ जाएँगी | क्यों के ज्यादातर बी जे पी वाले और आर्य समाजी ही बाबा के साथ आये हैं | कांग्रेस के वोट बैंक पर भगवा पहन कर सेंध मारी करना आसान नहीं | बाबा भले ही हिंदुत्व की बात करने से बचते रहे पर कांग्रेस कैसे ना कैसे उन पर सांप्रदायिक होने का इल्जाम लगा देगी | महत्वपूर्ण तो ये हैं के बाबा को हिंदुत्व की बात करने में साम्प्रदायिकता नहीं दिखनी चाहिए | बाबा चाहे तो अपने ट्रस्ट की धनराशि से पूर्वी भारत में धर्मान्तरण रोकने और धर्मान्तरित हुए हमारे भाई बहेनो को वापस लाने में आर. एस. एस. एवं वी. एच. पी. की मदद कर सकते हैं | खैर बाबा कामयाम हो या ना हो पर कांग्रेस जरुर अपने पतन पर पहुच रही हैं और आने वाले वर्षों में इसका नामो निशाँ मिट जायेगा ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास हैं | क्यों की हिंदू विरोधी आर्य भूमि पर ज्यादा दिन नहीं टिके हैं |

Tuesday, May 10, 2011

ओसामा जी को पद्यांजली

ओसामा जी को पद्यांजली
भाइयो, बहेनो और  मित्रों
पद्यांश  लेखन पर मेरी कोई पकड़ नहीं | गध् लेखन ही मेरा क्षेत्र हैं पर ओसामा जी के निधन पर चिंतन किया और कुछ पंक्तिय स्फुटित हुई की क्या बिट रही होगी ओसामा जी पर | सो आपके सामने रख रहा हू

ओसामा  कैसे हस रहा होगा ?

ओह मैं जी लगाना भूल गया , कांग्रेसी और नमाजियों  बुरा मान जाएँगे | क्यों की इन्होने ओसमाजी की रूह को शांति मिले इसलिए नमाज़े अदा की और इन दुरत कोंग्रसियो ने "आमीन" कहा.......





मेरी तलाश मे तुम तालिबान पर बम गिराओगे ,
मुझे ढूढने मे १० साल लगाओगे |
जो मिल जाओ मैं तो मेरे सर को उड़ाओगे ,
मेरी लाश को समुन्दर मे दफ्नाओगे |
पर तुम आतंकवाद पर नियंत्रण कैसे पाओगे ,
जो बीज डालोगे वही फल तो पाओगे |
पाक को तुम यु ही मदद देते जाओगे ,
तो सपनो मे ही सिर्फ आतंकवाद मिटा पाओगे |
जब तक तुम मेरे विचारों की जड़ पर ना जाओगे ,
आतंकवाद तो क्या तुम जेहादियों को छु भी ना पाओगे |
जितना मुजाहिद्दीनो को मारोगे, कुरान की भावनाओ को उतना ही भड्काओगे
तुम अमरीकी कुरान से लड़ने की हिम्मत कहा से लाओगे |
सारे फसाद की जड़ ही कुरान हैं ,
पर तुमको इस बात का क्यों नहीं ज्ञान हैं |

ओसामा की पाकिस्तान से शिकायत 


ऐ पाकिस्तान मैंने कितनी कर के दी तुझे कमाई ,
तुने क्यों नहीं मेरी जान बचाई ?
चार यमदूत उड़ कर जो आये ,
मेरी मौत को क्यों ना पहचान पाए ?
मैं रहा तेरी सेना के बगल मे ,
मेरी सुरक्षा का ख्याल क्यों नहीं रहा तेरी अकल मे?

या ख्याल आकर भी तुने की लापरवाई,
शायद इसलिए क्यों की हैं, तो हम मौसेरे भाई !




ओसामा की अल्लाह से शिकायत


जो मैं चिल्लाया तो मेरी मदद को कोई ना आया ,
अल्लाह भी सोया हुआ था, वो भी मेरी आहा ना सुन पाया |
जो मैं छुपा एक औरत के पीछे, वो भी काम ना आया
इन अमरीकियो को मेरी उम्र का भी ख्याल ना आया |
इतने हाथो मे मैंने बन्दूक पकडाया,
अंत समय खुद की बन्दूक ना पकड़ पाया |
ए अल्लाह मुझे गाजी से शहीद बना के तुने क्या पाया ?

ओसामा  की दाउद जैसे आतंकियो को नसीहत

ओ दाऊद, ऐ मसूद पाक भरोसे ना रहे ,
यहाँ से बेहेतर तो भारत की जेल हैं |
फांसी भी सूना दी गई ,
तो मिलने मे सदियों की देर हैं |




मेरे प्यारे देश द्रोही कांग्रेसी और नमाजियों

मैंने जहा ओसामा जी नहीं लगाया उसका बुरा मत मानना और अगर बुरा मान भी गए तो  मेरा  
क्या उखाड लोगे